सज "नरानया" गण जब जाते। 'सुमति' छंद की लय बिखराते।। सज "नरानया" गण जब जाते। 'सुमति' छंद की लय बिखराते।।
करके तांडव नृत्य, प्रलय जग की शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते। करके तांडव नृत्य, प्रलय जग की शिव करते। विपदाएँ भव-ताप, भक्त जन का भी हरते।
ये घनाक्षरी समान छंद है प्रवाहमान। राचिये इसे सभी पियूष-धार चाखिये।। ये घनाक्षरी समान छंद है प्रवाहमान। राचिये इसे सभी पियूष-धार चाखिये।।
उन्होंने उत्तम गति प्राप्त की योगेश्वर संतों का आश्रय ले सोमदत्त के पुत्र हुए सुमति उन्होंने उत्तम गति प्राप्त की योगेश्वर संतों का आश्रय ले सोमदत्त के पुत्र ...
ए. सी. घर में रहने वाले भी सड़कोंं पर आ गयेआसमान में उड़ने वाले भी कंकर से ठोकर खा गयेफिर कहते हो त... ए. सी. घर में रहने वाले भी सड़कोंं पर आ गयेआसमान में उड़ने वाले भी कंकर से ठोकर...
सद्बुद्धि पा बदल सको तुम, पर हम यही प्रार्थना करते। सद्बुद्धि पा बदल सको तुम, पर हम यही प्रार्थना करते।